Happy Mahashivratri!
रात्रि की पावन बेला में
वातारण यह गूंज उठा,
गीत स्वयंवर शिव पार्वती के
गाये नीला अम्बर संग धरा .
शंख नाद से गूंजे धरती,
स्वर्ग में जयजयकार हुई ,
समस्त देवी देवताओं के,
उपस्थिति से आशीर्वाद की
बौछार हुई..
त्रिशूल धारी,त्रिनेत्र ,
त्रिपुंड
लगाये बैठे थे,
ध्यान मग्न में विश्व समाये.
भस्म लगाये रहते थे.
आज काल की रात्रि में,
चल कर बने है
वर ऐसे निशांत अलग…
हिमालय पुत्री की तपस्या,
हो गयी सफल,,
द्वार खड़े तीनों लोकों के
इश्वर,
हो गया आत्म विभोर मन
पार्वती संग ब्याही शिव के,
चली कैलाश पर वह
पार्वती पतेय हर हर महादेव
गाने लगे हर मनुष्य एवम देवतागण !
(PHOTOCREDIT:hariharji.blogspot.com )